दशहरा पर्व कल: ऐसे करे शस्त्र पूजा और ये है शुभ मुहूर्त
हिन्दू पुराणो के अनुसार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरे का पर्व मान्य जाता है। यह पर्व हिन्दू सभ्यता में अपना अलग ही महत्व रखता है, इस दिन को बुराई पर अच्छाई के रूप में मनाया जाता है क्युकी इसी दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था। इसीलिए इस दशमी को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। इसी दिन लोग नया कार्य प्रारम्भ करते हैं, शस्त्र-पूजा की जाती है. प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण-यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे. इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं. दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों – काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी के परित्याग की सद्प्रेरणा प्रदान करता है। दशमी तिथि को दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाता है।
इस साल 2015 में दशहरा का पर्व 22 अक्टूबर को मनाया जायेगा। और जैसा की हिन्दू शास्त्रो में हर शुभ कार्य मुहुर्त के अनुसार किया जाता है। वैसे ही दशहरा पर भी भगवान राम पूजा, दुर्गा प्रतिमा विसर्जन और शस्त्र पूजन समय मुहुर्त के अनुसार आप सकते है।
शुभ मुहूर्त
सुबह 6:30 बजे से 8:00 बजे तक- शुभ
सुबह 10:50 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक- चल
सुबह 11:45 बजे से दोपहर 12:25 बजे तक- विजय मुहूर्त
दोपहर 12:00 बजे से 01:37 बजे तक- लाभ
शाम 4:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक- शुभ
शाम 6:00 बजे से 7:30 बजे तक- अम़ृत
शाम 7:30 बजे से रात 9:00 बजे तक- चल
पुरे वर्ष में विजयादशमी ही एक ऐसा पर्व होता है जिस दिन शस्त्र पूजा की जाती है क्योंकि यह शस्त्र ही प्राणों की रक्षा करते हैं तथा भरण पोषण का कारण भी हैं। इन्ही शस्त्रों में विजया देवी का वास मान कर इनका पूजन किया जाता है। अगर आप भी किसी भी कारन से शस्त्रों का उपयोग करते है तो उनकी पूजा अवशय करे। और शाम को रावण के पुतले का दहन कर दशहरे के पर्व को मनाये। साथ ही खुद भी किसी प्रकार के गलत काम ना करने का संकल्प ले।